आप अंग्रेजी बोल सकते हैं | You can speak english in hindi| Part-1
आप अंग्रेजी बोल सकते हैं। और कोई भी बोल सकता है। - कोई भी. लेकिन फिलहाल सवाल किसी और का नहीं, आपका है. सिर्फ आपका. इसलिए मैंने कहा कि आप अंग्रेजी बोल सकते हैं.
यह वेबसाइट और किसी भी वेबसाइट से बिल्कुल अलग यह वेबसाइट के होते हुए आपका अंग्रेजी बोलना अब मुश्किल नहीं.
अंग्रेजी बोल सकने के लिए आपका नाम क्या है, आप कहां के रहवासी है, आपकी शिक्षा, आपकी उम्र, आप का वजन, आपकी लंबाई इसका कोई संबंध नहीं है. अब सिर्फ एक ही बात निश्चित है और वह है कि आप अंग्रेजी बोलेंगे - और बोलेंगे ही.
यह वेबसाइट इसलिए है अंग्रेजी बोलेंगे. अंग्रेजी बोलना कितना आसान है यह तो आगे स्पष्ट होगा ही, लेकिन एक बात जो इस वक्त स्पष्ट है वह यह कि अंग्रेजी में बात करने से आपको कोई नहीं रोक सकता.
यह वेबसाइट आपको अंग्रेजी तक पहुंचाने का बिल्कुल सीधा मार्ग है. इस राह पर आप की चलने की देर है.
मुझे यह पूछने की जरूरत महसूस नहीं होती कि क्या आप इस मार्ग पर चलने के लिए तैयार है और ना ही यह बताने की कोई आवश्यकता है कि आप इस मार्ग पर चले. आपका वेबसाइट पर आना ही सबूत है कि आप तैयार हैं.
तो दोस्तों अब चलने में देर नहीं करना चाहिए. अंग्रेजी सीखना कितना आसान है यह थोड़े ही समय में आप जान जाएंगे. मगर उससे पहले एक बात का जानना जरूरी है. वह यह है कि अंग्रेजी भाषा क्या है? तो चलिए पहले यह जान ले.
आप अंग्रेजी बोल सकते हैं | You can speak english in hindi| Part-1
अंग्रेजी भाषा है.
यह बेसाइड आपको जो चाहिए बिल्कुल सही देने वाली वेबसाइट है. यह वेबसाइट से भटकने वाली वेबसाइट नहीं है. और आपके सामने स्पष्ट होना जरूरी है. वह इस वेबसाइट से स्पष्ट हो जाएगा. इसे आप नजरअंदाज नहीं कर सकते. इसलिए पढ़िए - लेकिन सिर्फ पढ़ें नहीं बल्कि पढ़ते वक्त बोलिए मुझे आपके प्रश्नों के तर देने वाली और आपसे बात करने वाली वेबसाइट है.
एक सजीव वेबसाइट है.
तो हम अब बात करने की शुरुआत करते हैं एक प्रश्न से अंग्रेजी भाषा है. यह तो हमें पहले से ही मालूम है, अब प्रश्न यह है कि भाषा क्या है? भाषा की हम को क्या जरूरत है?
इस सवाल का जवाब आपको पता है, किसी भी हालत में यह आपको मालूम है. अगर आप शब्दों में ना बता पाए तो भी इसका जवाब आप जानते हैं. किसी वकील से आप जवाब दें तब भी आपका जवाब गलत नहीं हो सकता. क्योंकि भाषा का प्रयोग आप खुद प्रतिदिन करते हैं.
आपके मन में क्या है यह बताने के लिए आप भाषा का प्रयोग करते हैं. अपने विचारों को आप भाषा के जरिए व्यक्त करते हैं. अर्थात हमारे मन में जो कुछ भी है उसे व्यक्त करने के लिए हम भाषा का प्रयोग करते हैं. और हमारे मन में जो कुछ है ,उसे हमारे विचार मानकर यदि हम भाषा की परिभाषा इस प्रकार करें तो गलत नहीं होगा:-
भाषा विचार व्यक्त करने का माध्यम है.
तो हम अब बात करने की शुरुआत करते हैं एक प्रश्न से अंग्रेजी भाषा है. यह तो हमें पहले से ही मालूम है, अब प्रश्न यह है कि भाषा क्या है? भाषा की हम को क्या जरूरत है?
इस सवाल का जवाब आपको पता है, किसी भी हालत में यह आपको मालूम है. अगर आप शब्दों में ना बता पाए तो भी इसका जवाब आप जानते हैं. किसी वकील से आप जवाब दें तब भी आपका जवाब गलत नहीं हो सकता. क्योंकि भाषा का प्रयोग आप खुद प्रतिदिन करते हैं.
आपके मन में क्या है यह बताने के लिए आप भाषा का प्रयोग करते हैं. अपने विचारों को आप भाषा के जरिए व्यक्त करते हैं. अर्थात हमारे मन में जो कुछ भी है उसे व्यक्त करने के लिए हम भाषा का प्रयोग करते हैं. और हमारे मन में जो कुछ है ,उसे हमारे विचार मानकर यदि हम भाषा की परिभाषा इस प्रकार करें तो गलत नहीं होगा:-
भाषा विचार व्यक्त करने का माध्यम है.
अब अगला सवाल.
हम अपने विचार किस तरह व्यक्त करते हैं? विचार व्यक्त करते वक्त हम क्या करते हैं?
आपको पता है, हम बोलकर या लिखकर अपने विचार व्यक्त करते हैं. और जब हम बोलते या लिखतो हैं, तब हम शब्दों का प्रयोग करते हैं. शब्दों के बिना बोलना या लिखना असंभव है. परंतु सही लिखने और बोलने के लिए सिर्फ शब्द काफी नहीं है. केवल शब्दों के आने से वाक्य नहीं आएगा. सही बात करने के लिए एक और चीज की आवश्यकता है उस दूसरी चीज को समझने के लिए हम उदाहरण की मदद लेंगे.
एक बात के देखिए:- यह मेरी किताब है.
इस वाक्य का अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए दो बातों की आवश्यकता है. पहली बात इस बात के प्रत्येक शब्द का हमें अंग्रेजी में अर्थ मालूम होना चाहिए. शब्दों का अर्थ मालूम होने की पहली शर्त हम पूरी कर सकते हैं या नहीं यहां हम पहले देखेंगे.
यह अर्थात this, मेरी का अर्थ है my, पुस्तक के लिए शब्द है book और है अर्थात is. इस बात की हर शब्द का अर्थ हमें मालूम है:- this-my-book-is. परंतु this my book is यह वाक्य सही नहीं है सही वाक्य क्या है. आपको पता है सही वाक्य है:- this is my book.
अब this my book is और this is my book इन दोनों बातों में शब्द वही है. शब्दों की संख्या भी उतनी ही है. फिर भी this my book is यह वाक्य गलत है. क्योंकि this my book is इस वाक्य में शब्दों का क्रम गलत है. या शब्दों की रचना सही नहीं है, ऐसा भी कहा जा सकता है. या वाक्य रचना गलत है ऐसा कहिए. कुछ भी कहिए, अर्थ एक ही है. तो वाक्य सही होने के लिए शब्दों के अलावा दूसरी किस चीज की जरूरत है यह आपकी समझ में आ गया होगा. वह दूसरी चीज है वाक्य की रचना.
यहां तक हमने जो समझो उस पर आधारित के समीकरण हम बना सकते हैं
शब्द + रचना = वाक्य
यह समीकरण गणित के उस समीकरण के समान है जैसे 2+2=4
दुनिया के किसी भी कोने में अगर दो और दो मिलाएंगे तो उसका जवाब चार ही आएगा, 4 के अलावा कुछ नहीं. उसी तरह सही शब्द और सही रचना का सयोग एक सही वाक्य ही होगा, और कुछ नहीं और वाक्य आने के बाद लिखना बोलना तो आएगा ही. क्योंकि लिखने बोलने के लिए वाक्य के अलावा किसी दूसरी चीज की जरूरत नहीं है.
लिखने बोलने के लिए वाक्य की जरूरत है, जब मैं यह करता हूं तो उसका अर्थ 50 वाक्य क्या 200 वाक्य ऐसा नहीं है. किसी भी भाषा के गिने चुने वाक्य के आने से भाषा हमें आती है ऐसा नहीं कह सकते. लेकिन हिंदी का कोई भी वाक्य आपको अंग्रेजी में आता वह तो आपको अंग्रेजी आती है ऐसा ही कहाना होगा. और यही आपको ऐसे वेबसाइट में सीखना है.
एक बार फिर ध्यान दीजिए - सिर्फ गिनती के वाक्य के नहीं कोई भी वाक्य.
वाक्यों के अध्ययन की शुरुआत वाक्यों के प्रकार से करनी चाहिए. तो चलिए अगले पार्ट 2 में वाक्यों के प्रकार देखने के लिए.
हम अपने विचार किस तरह व्यक्त करते हैं? विचार व्यक्त करते वक्त हम क्या करते हैं?
आपको पता है, हम बोलकर या लिखकर अपने विचार व्यक्त करते हैं. और जब हम बोलते या लिखतो हैं, तब हम शब्दों का प्रयोग करते हैं. शब्दों के बिना बोलना या लिखना असंभव है. परंतु सही लिखने और बोलने के लिए सिर्फ शब्द काफी नहीं है. केवल शब्दों के आने से वाक्य नहीं आएगा. सही बात करने के लिए एक और चीज की आवश्यकता है उस दूसरी चीज को समझने के लिए हम उदाहरण की मदद लेंगे.
एक बात के देखिए:- यह मेरी किताब है.
इस वाक्य का अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए दो बातों की आवश्यकता है. पहली बात इस बात के प्रत्येक शब्द का हमें अंग्रेजी में अर्थ मालूम होना चाहिए. शब्दों का अर्थ मालूम होने की पहली शर्त हम पूरी कर सकते हैं या नहीं यहां हम पहले देखेंगे.
यह अर्थात this, मेरी का अर्थ है my, पुस्तक के लिए शब्द है book और है अर्थात is. इस बात की हर शब्द का अर्थ हमें मालूम है:- this-my-book-is. परंतु this my book is यह वाक्य सही नहीं है सही वाक्य क्या है. आपको पता है सही वाक्य है:- this is my book.
अब this my book is और this is my book इन दोनों बातों में शब्द वही है. शब्दों की संख्या भी उतनी ही है. फिर भी this my book is यह वाक्य गलत है. क्योंकि this my book is इस वाक्य में शब्दों का क्रम गलत है. या शब्दों की रचना सही नहीं है, ऐसा भी कहा जा सकता है. या वाक्य रचना गलत है ऐसा कहिए. कुछ भी कहिए, अर्थ एक ही है. तो वाक्य सही होने के लिए शब्दों के अलावा दूसरी किस चीज की जरूरत है यह आपकी समझ में आ गया होगा. वह दूसरी चीज है वाक्य की रचना.
यहां तक हमने जो समझो उस पर आधारित के समीकरण हम बना सकते हैं
शब्द + रचना = वाक्य
यह समीकरण गणित के उस समीकरण के समान है जैसे 2+2=4
आप अंग्रेजी बोल सकते हैं | You can speak english in hindi| Part-1
दुनिया के किसी भी कोने में अगर दो और दो मिलाएंगे तो उसका जवाब चार ही आएगा, 4 के अलावा कुछ नहीं. उसी तरह सही शब्द और सही रचना का सयोग एक सही वाक्य ही होगा, और कुछ नहीं और वाक्य आने के बाद लिखना बोलना तो आएगा ही. क्योंकि लिखने बोलने के लिए वाक्य के अलावा किसी दूसरी चीज की जरूरत नहीं है.
लिखने बोलने के लिए वाक्य की जरूरत है, जब मैं यह करता हूं तो उसका अर्थ 50 वाक्य क्या 200 वाक्य ऐसा नहीं है. किसी भी भाषा के गिने चुने वाक्य के आने से भाषा हमें आती है ऐसा नहीं कह सकते. लेकिन हिंदी का कोई भी वाक्य आपको अंग्रेजी में आता वह तो आपको अंग्रेजी आती है ऐसा ही कहाना होगा. और यही आपको ऐसे वेबसाइट में सीखना है.
आपको जहां जाना है उस जगह का नाम है वाक्य,
एक बार फिर ध्यान दीजिए - सिर्फ गिनती के वाक्य के नहीं कोई भी वाक्य.
वाक्यों के अध्ययन की शुरुआत वाक्यों के प्रकार से करनी चाहिए. तो चलिए अगले पार्ट 2 में वाक्यों के प्रकार देखने के लिए.
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