आओ कहानी पढ़े | कहानी चलो पेड़ लगाएं | Let's plant
दोस्तों आओ कहानी पढ़कर अपने सोच-विचार बदलें।
Let's plant |
##चलो पेड़ लगाएं##
गीता:- हरप्रीत, सरिता, टीना, राहुुल, बाबू सब इधर आओ। कल हम पार्क में घूमने गए थे। आज हम सब मिलकर घर के आसपास पेड़ लगाएंगे।
सरिता:- हम तो छोटे हैं। इतने बड़े पेड़ कैसे लगाएंगे ? गीता:- पेड़ भी शुरू में तो छोटे पौधे के रूप में होते हैं हमसे भी छोटे। ये धीरे-धीरे बड़े होते हैं, हमारी तरह।
बाबू:- लेकिन हम पौधे लगाएंगे कहां ?
गीता:- घर के पिछवाड़े, जो खाली जगह है न, उसी में।टीना:- हमारे आंगन में भी खूब जगह है। हम वहां भी पेड़ लगा सकते हैं।
सरिता:- में तो आम का पौधा लगाऊंगी। मुझे आप अच्छे लगते हैं।
राहुल:- क्यों ना हम नीम का पौधा लगाएं। हमें छाया भी मिलेगा और दादा जी को दातून भी।
हरप्रीत:- मेरी मम्मी घर की बगिया में सब्जियां उगाती हैं। मैं वहां फूलों के पौधे लगाऊंगा।
टीना:- हम ढेर सारे पौधे लगाएंगे। जब वे बड़े हो जाएंगे तो पक्षी उन पर घोसाले बनाएंगे।
सरिता:- हां, कोयल का गीत सुनने में कितना मजा आएगा। आएगा ना ?
बाबू:- हा , खूब मजा आएगा।
गीता:- चलो बाजार से बीज लाते है। गुलाब की कलमें भी लानी है।
सभी बच्चे बोलते हैं:- चलो।
आओ कहानी पढ़े | कहानी चलो पेड़ लगाएं | Let's plant
तो दोस्तों कहानी समझ में आई गई होगी। हमें भी इस कहानी के बच्चों से सीखना चाहिए। हमें भी खूब सारे वृक्ष लगाना चाहिए। क्योंकि जब हमारी जान वृक्षों से है। तो हमारी जान के लिए वृक्ष लगाना चाहिए ना, अगर एक लाख लोगों में से 10000 लोग वृक्ष लगाते हैं, तो बहुत है। क्या हमारी जान के लिए हम इतना भी नहीं कर सकते है। जैसे कि आपको मालूम ही होगा, पेड़ पौधों से पृथ्वी हरी-भरी लगती है। क्योंकि हमारा मन भी मोहित हो जाता है। जहां पर पेड़ पौधे होते हैं। वहां पर कितना सुंदर लगता है, ना।
कहानी के बच्चे इतने खुश होते हैं, की सभी गाने लगते हैं।
घर-घर पेड़ उग आएंगे, फल- फूल और छाया पाएंगे।
पक्षी उन पर आएंगे, सुंदर गीत सुनाएंगे।
आंगन में जब फूल खिलेंगे, हम सब उनसे हिल मिलेगे।
यह पूरा घर महक आएंगे, मिलकर सब मुस्कुराएंगे।
आओ कहानी पढ़े | कहानी चलो पेड़ लगाएं | Let's plant
तो दोस्तों का कहानी आपको कैसी लगी। अगर आपके मन में पेड़ लगाने का ख्याल आया है। तो अपने घर के आसपास कहीं भी खाली जगह होगी, वहां पर आप पेड़ लगा सकते हैं। अगर आप गांव में रहते हैं, तो आपने बहुत से पेड़ लगाएं होंगे, हे न और नहीं लगाए हैं, तो लगाना भाई मैं इसलिए बोल रहा हूं की मैंने तो बहुत सारे पेड़ लगाए हैं।
और आप कमेंट बॉक्स में यह बताइए। कि इस कहानी में आपका नाम तो नहीं है।
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